ओ मारा हरनिर्मोया रे सावरा
टेर
ओ मारा हरनिर्मोया रे सावरा, जाय बडियो परदेश
मारा कृष्ण क़ानूड़ा रे काना जाय बसियो परदेश
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आवन जावन कह गयो रे कर गया कोल अनेक
गिणता गिणता घिस गई रे मारी लाल अंगुलिया रे रेख || १ || -
सावरा ने ढूंढन में गई रे कर जोगण रो वेश रे
ढूंढत ढूँढत हार गई रे आया है धवळा केस मारा। … || २ || -
कायण रो कागद करू रे काहेरी कलम दवात सांवरिया
कायण री स्याही करू रे गुण लिखण ने जाय मारा। … || ३ || -
धरती रो कागज़ करू रे कलम करू वनराय सांवरिया
सात समंदर री स्याही करू रे हरिगुण लिखिया जाय || ४ || -
मोहिनी सूरत माधोरी मूरत घुघर वाला केश सांवरिया
ओ मीरा ने सांवरियो मिलियो कर नटवर रो वेश मारा। .. || ५ ||