कांटो लाग्यो रे सत्संग में मारे
टेर
कांटो लाग्यो रे सत्संग में मारे गरकरियो दिन रात, गरकरियो दिन रात
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संत वृक्ष सब निज कांटो बिखरियो सत्संग जाय
वो दिल चुभ गयो अणरे आधार खटकरयो रे जाय || १ || -
ध्रुव के लाग्यो पहलाद के लाग्यो नरसी मीरा के साथ || २ ||
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सही सुलतान भारत रे लाग्यो छोड़ राज वन जाय || ३ ||
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गनिका लाय गोपीचन लगा कर्मा बाई रे साथ सेन भगत रे एसो लागो गटे दिन और रात || ४ ||
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नैणा नींद नहीं अन्न जल भावे दर्द घणो घबराय बीजण दास बणयो बड भागी और नहीं सुहाय || ५ ||