Skip to main content

दुनियादारी अवगुण गारी

टेर

दुनियादारी अवगुण गारी, जाने भेद मती दीजेरे
हेली हारी निर्भय रहीजे रे

  • हो इन काय में अस्ट कमल है -२ ज्याणे नीगे कराइज रे
    हेली मारी। ..... दुनिया। …. || १ ||

  • सत संगत में बैठ सुहाग सच कमाइजे रे
    हेली मारी। ..... दुनिया। …. || २ ||

  • तन में गरीबी मन में फकीरी दया राखिजे रे
    हेली मारी। ..... दुनिया। …. || ३ ||

  • ज्ञान जरोखे बैठ सुहागन झाला दीजेरे
    हेली मारी। ..... दुनिया। …. || ४ ||

  • त्रिवेणी घर तीन पदमणी इने बतलाईजे रे
    हेली मारी। ..... दुनिया। …. || ५ ||

  • सत्य बाण पर बैठ सुहागन सीधी आईजे रे
    हेली मारी। ..... दुनिया। …. || ६ ||

  • हरी चरण में शीश झुकाईजे गुरु वचनों में रहीजे रे
    हेली मारी। ..... दुनिया। …. || ७ ||