कदी कदी सींग गाडरा
टेर
कदी कदी सींग गाडरा सु सींग हार जावे
समय को भरोसो कोणी कद पलटी मार जावे
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अरे गुरु वशिष्ठ महा मुनि ज्याकी लिख लिख बात बतावे ग्यानी
श्री राम जंगल में जावे किस्मत पलटी खावे
अरे राजा दशरथ प्राण त्याग दे कदी हाथ लगानी पावे || १ || -
अरे राजा हरिश्चंद्र राणी तारामती रोहिदास कबीर कहावे
अरे ऐसो खेल रचियो मारा दाता तीनो बिकण जावे
एक हरिजन एक मगवर एक पूजागर जावे || २ || -
राजा की बेटी पदमा कहलावे मोर लार परणावे
मोर जाय जंगल में मर गया किस्मत पलटी खावे
मेर भई सिवजी की ऐसी मोर को मर्द बनावे || ३ || -
राजा भर्तरि राणी पिंगळा मेहला में सुख पावे
अरे सिकार खेलवा राजा भरतरी जंगल माय जावे
अरे गोरखनाथ गुरु ऐसा मिलिया राजा जोगी बन जावे || ४ || -
अरे गुरु कहे ममता की वाणी अमरत रस बरसावे
मारो मनड़ो कोणी माने फिर फिर गोता खावे || ५ ||