ओ मन फूला फूला फिरे जगत में
टेर
ओ मन फूला फूला फिरे जगत में कैसा नाता रे कैसा नाता रे
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माता कहे ये पुत्र है मेरा बेन कहे वीर मेरा
भाई कहे ये भुजा है मेरी नार कहे नर मेरा, जगत में कैसा नाता। .. || १ || -
पेट पकड़ कर माता रोवे बाह पकड़ कर भाई
लपट जपट कर तीरिया रोवे हंस अकेला जाय, जगत में कैसा नाता। .. || २ || -
जब तक जीवे माता रोवे बेन रोवे दस मासा
तरह दीवन तक तीरीया रोवे फेर करे घर वासा, जगत में कैसा नाता। .. || ३ || -
चार जणा मील गसी बनाई चढ़ा काठ की घोड़ी
चार रवूओ आग लगादी, फूंक दिया जैसे होली, जगत में कैसा नाता। .. || ४ || -
हाड जले जैसे लकड़ी रे केस जले जैसे भाग
सोने जैसी काय जलगी कोई न आयो पास, जगत में कैसा नाता। .. || ५ ||