सांगत करणी अंतरि
:::noteदोहा
संगत करणी अंतरि क्या नुगरा से काम
नुगरा ले जावे नारगी संत मिलावे राम
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संगत करोनी निर्मल साध री म्हारी हेली आवा गमन
मिट जाए जनम मरण मिट जाय हेली आवा गमन मिट जाए
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चन्दन उगियो रे हरिया बाग़ में म्हारी हेली ख़ुशी रे भय
वन राज हेली ख़ुशी रे भय वनराज आप सुधंध ओ रो
नेकरे म्हारी हेली रही रे सुगन्धि छाय हेली रही रे सुगन्धि छाय || १ || -
बांस उगियो रे डर डुँगरे म्हारी हेली धुज रही वन राय हेली थरक रही वनराय
आप बळे ओरो ने बाळसी म्हारी हेली कपट गाँठ घट माय हेली गाँठ कपट घटमाय हेली || २ || -
धुलागि डाग डुँगरे म्हारी हेली मिल गई जालो जाल हेली मिल गई जालो जाल
और पंखेरू सब उड़े गया म्हारी हेली हंसला रे बैठा डाल हेली हंसला रे बैठा डाल || ३ || -
चन्दन हस मुख सु बोलियों म्हारी हेली ये क्यू जलो वनराय
में तो जलो बिन पाँख यू म्हारी हेली जड़ो है पियाणारे माय, हेली जड़ो पियालामाय || ४ || -
फल खाया पान पिरोलीया म्हारी हेली रमिया डालो डाल हेली रमिया डालो डाल
थे तो जलो में क्यू उबरो म्हारी हेली जीवणो है कितरा साल हेली जीवणो है कितरा साल || ५ || -
चन्दन हंस रो प्रेम देखने म्हारी हेली दुधे बरसियो मेष दुधा बरसियो मेह हेली दुखे बरसियो मेष
केवे कबीरसा धरमीदास ने म्हारी हेली नित नित नवला वेश हेली नित नित नवला वेश || ६ ||