Skip to main content

बंगला अजब बनया महाराज

  • पांच तत्त्व की ईंट बनाई, तीन गुने का गारा
    छत्तिसु की छात बनाई, चेतन है चेतारा || १ ||

  • इस बंगले के दस दरवाजा, बीच पवन का खम्बा
    आवत जावत कछु नहीं दिखे, ये भी एक अचम्भा || २ ||

  • इस बंगले में चौपड़ मांडी, खेले पांच पचीसा
    कोई तो बाजी हार चल्यो है, कोई है जग जीता || ३ ||

  • इस बंगले में सुरता नाचे, मनवा ताल बजावे
    निरत सूरत रा बाँध धुधरा, राग छत्तिसु बावे || ४ ||

  • कहे मछंदर सुन जति गोरख, जिसने बंगला गाया
    इस बंगले का गावणहारा, फेर जनम नहीं पाया || ५ ||