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बेटा श्रवण पाणीड़ो

टेर

बेटा श्रवण पाणीड़ो पिलाय वन में बैठा प्यास
हो लाला पाणीड़ो पिलाय वन में बैठा प्यास

  • आला लीला बॉस कटाइया कावड़ लिनी बनाय
    मात पिता ने माय बिठाया तीरथ करवा ने ले जाय || १ ||

  • ना कोई है कुआ बावड़ी ना कोई समन्द तलाव
    तब सरवन ने मन में सोची, का जल पाऊ मारी में || २ ||

  • ऊंच नीच कदम के ऊपर बगुला उड़ उड़ जाय
    जब सरवन ने मन पे धारी अब जल पाउ मारी माँ || ३ ||

  • ले जा रे अब सरवन चालियो गया सरवर रे पास
    जाए नीर ने जकोरियो रे दशरथ मारियो सकती बाड || ४ ||

  • दशरथ वा से चालियो रे आयो सरवन रे पास
    हे विधाता क्या कर डाला, मारियो अनजान बाण || ५ ||

  • मरतो सरवण बोलियो रे सुणो मामा मारी बात
    आंधा हे मारा मात पिता जी, वाने पाणीड़ो पिलाय || ६ ||

  • ले जारी अब दशरथ चालियो गया कावड़ रे पास
    ठंडो जल भर लाइयो जारी, अब पियो मारी माय || ७ ||

  • ना सरवन की बोली कहिये ना सरवन की चाल
    मात पिता तो शरग सिधारिया, दशरथ ने दियो है सराप || ८ ||