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बाप - माँ

टेर

हर बात को भूलो मगर माँ बाप को मत भूलना
उपकार इनके लाखों हैं इस बात को मत भूलना

  • धरती पर देवों को पूजा, भगवान को लाख मनाया है
    तब तेरी सूरत पाई है संसार में तुझको बुलाया है
    इन पावन लोगों के दिल को पत्थर बनकर मत तोडना
    हर बात को भूलो। ......... || १ ||

  • अपने ही पेट को काटा है और तेरी काया सजाई है
    अपना कर कोर खिलाया तुझे तब तेरी भूख मिटै है
    इन अमृत देने वालों के जीवन में जहर मत घोलना
    हर बात को भूलो। ......... || २ ||

  • जो चीज़ भी तुमने मांगी है वो सब कुछ तुमने पाया है
    हर जिद को लगाया सीने से बड़ा तुमसे स्नेह जताया है
    इन प्यार लुटाने वालों का तुम प्रेम कभी भूलना, हर बात को भूलो। ......... || ३ ||

  • गीले में सदा ही सोये हैं सूखे में तुझे सुलाया है
    बाहों का बना करके झूला दिन रात तुझे झुलाया है
    इन निर्मल निश्छल आँखों में ऐ आंसू भी मत घोलना
    हर बात को भूलो। ......... || ४ ||

  • चाहे लाख कमाई धन दौलत ये बंगला कोठी बनाई है
    माँ बाप ही नाखुश है तेरे, बेकार ये तेरी कमाई है
    यह लाख नहीं यह खाक है इस बात को मत भूलना
    हर बात को भूलो। ......... || ५ ||