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राम नाम के साबुन

टेर

राम नाम के साबुन से जो मन का मेल हटाएगा -२
नीरम मन के सीसे में वो प्रभु के दर्शन पाएगा -२

  • रोम रोम में राम है तेरे तुमसे बन्दे दूर नहीं
    देख सके जो इन आँखों में नूर नहीं
    पाएगा जो इस मंदिर में प्यार की जोट जगाएगा
    प्रभु राम नाम के। …. || १ ||

  • यह शरीर अभिमान है जिसका प्रभु कृपा से पाया है
    जूठे जग बंदन में फस कर क्यू उसको बिसराया है
    राम नाम का महा मंत्र साथ तुम्हारे जाएगा
    प्रभु राम नाम के। …. || २ ||

  • निसफल है ये भक्ति तेरी जो मन में विश्वास नहीं
    मंजिल का तो पाना क्या जब दीपक में प्रकाश नहीं
    सारधा है तो भवसागर से बड़ा पार हो जाएगा
    प्रभु राम नाम के। …. || ३ ||

  • माया का अभीमान है झूठा ये तो आणि जानी है
    राजा रंक अनेक हुए कितनो की ये कहानी है
    यह वक्त फिर हाथ न आना, सिर धुन कर पछताएगा
    प्रभु राम नाम के। …. || ४ ||

  • झूठ कपट निंदा को त्यागो हर एक से तुम प्यार करो
    घर आये मेहमान की सेवा से ना तुम इंकार करो
    प्रभु राम नाम के। … || ५ ||