गणपत ने मनावण चालो
टेर
गणपत ने मनावण चालो नी मारो कृष्ण कंवरो रै जासी
मारो कृष्ण कंवारो रै जासी सिसुपाल रुकमणी ने ले जासी
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सोने की झारी में गंगा जल पानी गजानंद ने स्नान कराउनी
गणपत ने मनावण चालो नी मारो कृष्ण कंवरो रै जासी || १ || -
पीला पीताम्बर कस की धोती गजानंद ने वस्त्र पेराओनी
गणपत ने मनावण चालो नी मारो कृष्ण कंवरो रै जासी || २ || -
लाडू पेड़ा सरस जलेबी मोदक भोग लगाओनी
गणपत ने मनावण चालो नी मारो कृष्ण कंवरो रै जासी || ३ ||