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लाखीणी थारी जिंदगी

टेर

लाखीणी थारी जिंदगी एक कोड़ी में गमाई
हीरो तो सवा लाख रो तू एक कोड़ी में गमायो

  • तू केवेला थारो म्हारो काम कदे नई आवेला, धन दौलत री भरी तिजोरी थे ही रह जावेला
    खावेला दूजा मानवी तू भेलो करी न जाए, लाखीणी थारी जिंदगी एक कोड़ी में गमाई || १ ||

  • बोयो है तू पेड़ तुम्बे रो आम कहाँ से खावेला
    मीठी तो थारी जीबड़ी आ तीखी छुरियां चलाई, लाखीणी थारी जिंदगी एक कोड़ी में गमाई || २ ||

  • बालपन में खेल गमायो जोबन दास लुगाई रो, बुढ़ापा में रोग सातवे भाई नहीं है भाई रो
    करले तू चोखा कामड़ा तने साची राह बताऊ, लाखीणी थारी जिंदगी एक कोड़ी में गमाई || ३ ||

  • आदेश्वर भाई मंगल गावे जीवन बीतो जावे रे, मिनख जमारो भई रे भाव भावरे फेर जनम नहीं पावे रे
    करले तू चोखा कामड़ा तने साची राह बताऊ, लाखीणी थारी जिंदगी एक कोड़ी में गमाई || ४ ||