जोगीड़ा ने जादू कीनो रे
टेर
जोगीड़ा ने जादू कीनो रे तनमन बाँधे लीनो रे
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रेण दिवस माने निदरा नई आवे घायल मृग ज्यूं जीव दुःख पावे
शब्द कटारी मारी रे म्हारे पिंजर घायल कीनो रे || १ || -
अन्न पाणी माने कछु ना भावे पल पल छीन छीन याद सतावे
दुनिया तो लागे माने खारी रे मैं तो प्रेम प्यालो पियो रे || २ || -
विरह की अग्नि तन बीच लागि भेदभाव री भरमना भागी
चढ़गई प्रेम खुमारी रे मारो ह्रदय प्रेम सु भिगो रे || ३ || -
मोर मुकुट और गल बीच माला माने तो मिल गया नंदजी रा लाल
बाई सुआ ने तारी रे वारो जन्म सफेलकर दीनो रे || ४ ||