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हिंगलाज स्तुति

ॐ हिंगुले, परम हिंगुले, अमृत रूपिणी
तनु शक्ति नमः श्री हिंगुलाय नमः

श्री हिंगलाज अष्टक

  • प्रचंड दंड बाहु चंड, योग निद्रा भैरवी
    भुजंग केश कुण्डला कंठला मनोहारिणी
    निकंद काम क्रोध दैत्य असुर काल मर्दिनी
    नमोस्तु मात हिंगलाज निरमला निरंजनी || १ ||

  • रक्त सिंहासनी सावधान शकरी
    कुठार, खड्ग खप्रधार कर दुलन माहेश्वरी
    निशुम्भ शुभ रक्त वीज दैत्य तेज भंजनि
    नमोस्तु मात हिंगलाज निरमला निरंजनी || २ ||

  • जवार रत्न वेळ कल संवकर्म लोलनि
    व्याल भाल चंद्र केत पुष्प माला मेखली
    चंड मुंड गरजनि सुनाद विन्ध वासिनी
    नमोस्तु मात हिंगलाज निरमला निरंजनी || ३ ||

  • गजेंद्र चाल काल धूत सेतु चाल लोचनि
    उदार नेत्र तिमिर नाश सुशोभ शेष शांकरी
    अनादि सिद्ध साधू लोक सप्त द्वीप राजनी
    नमोस्तु मात हिंगलाज निरमला निरंजनी || ४ ||

  • शैल शिखर राजनी जोग जुगत करनी
    चंड मुंड चूर कर सहस्त्र भुजा धारिणी
    कराल केश भेष भूत अंत रूप यामिनी
    नमोस्तु मात हिंगलाज निरमला निरंजनी || ५ ||

  • कलोल लोल लोचनि आनंद कंद दायिनी
    ह्रदय कपाल खोलनी सुरेश शब्द भाषिणी
    धर्म-कर्म जन्म जाट युक्ति मुक्ति दायिनी
    नमोस्तु मात हिंगलाज निरमला निरंजनी || ६ ||

  • अलोक लोक राजनी दिव्या देव वरदायिनी
    त्रिलोक शोक हारिणि सत्य वाक्य बोलनी
    आदि अंत मध्य मात तेरो रूप सजैनी
    नमोस्तु मात हिंगलाज निरमला निरंजनी || ७ ||

  • कुवेर वरुण इंद्रा आदि सिद्ध साधू संचनि
    अगम्य पांच मात जन्म कष्ट हारिनी
    श्री राम चंद्र शरण माल अमर पद्द दायिनी
    नमोस्तु मात हिंगलाज निरमला निरंजनी || ८ ||

  • शेष सार नारदादि योग निद्रा भैरवी
    गंध मादन केलि करत अंग दैत्य मर्दिनी
    अंत सब फाङनि हव्य काव्य दायिनी
    नमोस्तु मात हिंगलाज निरमला निरंजनी || ९ ||

  • अष्ट हस गर्जनी त्रिशूल चक्र धारिणी
    काल कंठ फूट ख्याल मुंड माल धारिणी
    धूम धार श्वेत रूप दैत्य गर्व भंजनी
    नमोस्तु मात हिंगलाज निरमला निरंजनी || १० ||