लिख्योड़ा नहीं टले
टेर
लिख्योड़ा नहीं टले ओ राजा सागर भावी नहीं टले
-
पापी फंदो नोकियो रे पीरगो रुदने करे
ऐसो काही धरती पर टोटो पड़ियो रे भाई
ऐसा ऐसा फंद पड़े हो राजा सागर || १ || -
हरिचन्द्र दानवी रे नीच गर जण भरे
छप्पन करोड़ री सायबी रे भाई
छोड़े चल राज करे ओ राजा || २ || -
दसरथ चौकी देवता रे श्रवण नीर भरे
मात पिता रे कारणे रे वीरा
श्रवण प्राण ताजे हो राजा सागर || ३ || -
नव गृह बांधिया खाट रे पाय
इंद्रा पाणीड़ो भरे
लंक सरीसा राजवी रे वीरा सीता रे काज मरे ओ राजा सागर || ४ || -
हाथो धरती तोलता रे समुन्दर घूँट भरे
पाण्डव सरीसा राजवी रे वीरा जाय हिमालय गले ओ राजा सागर || ५ || -
गर्भ कियो रतनागर सागर नीर खारो करे
गर्भ कियो चकवो चकवी जीण में रेण बसेरे ओ राजा सागर || ६ || -
गर्भ निवार ण सायबो रे जो कोई गर्भ करे
गुरु देव री विनती रे भाई
जाय वचना सु पड़े ओ राजा सागर || ७ ||