सपने में देखिया गोपाल
टेर
सपने में देखिया गोपाल म्हारी साथण ए
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मोर मुकुट सिर सोहवणा कानो कुण्डल ए
ऊबा म्हारे आंगनिये रे माय म्हारी साथण ए || १ || -
आँख खुली ने नहीं देखिए म्हारी साथण ए
नैना सु आवे निर्मल नीर म्हारी साथण ए || २ || -
कोई तो मिलाओ म्हारे श्याम ने म्हारी साथण ए
देऊ म्हारे हिवड़ा रो हार म्हारी साथण ए || ३ || -
आज श्याम घर आविया ए म्हारी साथण ए
पल पल निरखूं उन रो रूप म्हारी साथण ए || ४ || -
चन्द्रसखी री आ विनती ओ सुणो नन्द जी रा लाल
सुणो यशोदा रा लाल अबकी ही जन्म सुधार म्हारी साथण ए || ५ ||