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अरे जसोदा भोली

टेर

अरे जसोदा भोली भाली कानो थारो जबरो रे -२

  • पाती पांडे मांग सवार नितरो राखे नखरो रे -२
    आय बीरज बाला रे आगे ऊबो नितरो आईने अकड़े रे || १ ||

  • मैं दही बेचैन जावत वृन्दावन मार्ग मारो रोकियो रे
    बहियो मरोड़ी ने मटकी फोड़ी दहिनो मारो ढोलायो रे || २ ||

  • मिल देवे ओरबो काना ने समझावे रे
    जाय पुकारु काज राजा ने पकड़ बिठाऊँ थारे काना ने || ३ ||

  • इतने में नन्द लालो आयो मान ओ झगड़ो काहे को है
    कमली फाली ने गाय छोड़ी एसो है दुखकारी रे || ४ ||

  • बछड़ा छोड़ियाँ ने कमली फाड़ी जड़ में कियो झगड़ो रे
    चंद्र सखी ब्रजबाल कृष्ण छड़ी प्रेम प्रीत रो झगड़ो रे || ५ ||