इन मुरली ने मनड़ो मोहो
टेर
इन मुरली रे मनड़ो मोहो कान्हा और बजा थारी मुरली रे
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इन मुरली ने नरसी मोई ओ सरवर पार खड़ी
नानी बाई रोई आकर भात भरायो काना और। … || १ || -
इन मुरली ने द्रोपदी मोई भरी सभा में जुर जुर
रोई आकर चीयर बढ़ायो काना और। .. || २ || -
इन मुरली ने बाई मीरा मोई राणा ने छोड़ संत
सांगत में होई छोड्यो चितोड़ वाळो राज काना और। … || ३ || -
इन मुरली रा लागे पैरवा भ्रम लोक में भाई
सेवना ब्रह्मा ने वैद भुलायो काना और। … || ४ || -
याद करू जद हिचकी आवे तुम बिन नैया
कुण पार लगावे बाई मीरा जस गावे काना और। … || ५ ||