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कन्हैया आछी बजाई रे मुरली

टेर

कन्हैया आछी बजे रे बांसुरी म्हारे हिवड़े में उठे रे हिलोर

  • कन्हैया राधा तो सूती रंग मेल में
    म्हारी अखियां ऋ नींदड़ली उड़ाय || १ ||

  • कन्हैया नदियाँ रे किनारे म्हारो गाँव रे गाव रे
    उठे ठंडी ठंडी हवा हिलोर || २ ||

  • कन्हैया गोकुल में बाजे थारी बांसुरी तेरी बांसुरी
    उठे नाच रह्या रे दादर मोर || ३ ||

  • कन्हैया राधा तो सुन सुन हो गई बावरी बावरी
    वो तो छोड़ दिया रे घर बार || ४ ||

  • कन्हैया भक्त मंडल री यही विनती विनती
    म्हारो बेड़ो तो लगाय दीजो पार || ५ ||