ओ कान्हा अब तो मुरली
टेर
ओ कान्हा अब तो मुरली की मधुर सुना दो तान
-
मैं हु तेरी दीवानी मुझको तू पहचान मधुर || १ ||
-
जब से तुम संग मैंने अपने नैना जोड़ लिए है
क्या मैया क्या बाबुल सबसे रिश्ते तोड़ लिए है
तेरे मिलन को व्याकुल है कबसे मेरे प्राण
मधुर सूना। … || २ || -
सागर से भी गहरे मेरे प्रेम की गहराई
लोक लाज कुल की मर्यादा अब ना बनो अनजान
मधुर सुना। …. ओ कान्हा। … || ३ ||