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रे माखन की चोरी

टेर

रे माखन की चोरी छोड़ सावरा में समझाऊ तोय

  • नौ लख गऊ है ये नन्द बाबा के नित नयो माखन होय -२
    पल भर की चोरी करने की आदत पद गई रे -२ || १ ||

  • बरसाने तेरी हुई रे सगाई नित उठ चरचा होय -२
    बड़े गहरा की राधा प्यारी नाम धरेगी तोय -२ || २ ||

  • मैं तने भेज्यो गऊ चराने भयो कदम पर सोय -२
    ग्वाल बाल संग रास रचायो आयो रे कमालियाँ खोय -२ || ३ ||

  • आ चोरी नहीं छूटे मेरी मैया होगी है सो होय -२
    सुर श्याम मैया के आगे दियो नयन भर रोय -२ || ४ ||