म्हणे श्याम सुन्दर मन भाया
टेर
म्हाने श्याम सुन्दर मन भाया केसर रा तिलक लगाया
माने और दाय नहीं आया केसर रा तिलक लगाया
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केसर चन्दन और अरकजा मही पीस मंगवाया रे
प्रेम कटोरो हरिरस भरियों सतगुरु देवण आया || १ || -
सतगुरु आय धरण पग धरियो सैया मंगल गाय रे
धूप दीप सू करूँ मैं आरती मोतियन चौक पुराया || २ || -
ऊंची मेढ़ी अधर झरोखा मांही पलंग बिछाया रे
इन रे पलंग मारा सतगुरु पोढ़े पंखे भाव ढुलाया || ३ || -
यमुना तट पर खड़ो सांवरो सब देवन हरसाया रे
मधुर मधुर धुन मुरली री बाजे गोपियन के मन ढुलाया || ४ || -
वृन्दावन करी कुंज गली में कानो रास रचायो रे
गिरधारीलाल गोपाल भाणिजे राजामान जसगाया || ६ ||