चुंदड़ी अनमोल
टेर
आ चुंदड़ी अनमोल मेरे सतगुरु आ चुंदड़ी अनमोल
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चुंदड़ी ओढ़ में तो सोनी जी के गई थी
चार पल्ला पर घुंघरू जडाए बीच में जडाए दो ऐ मोर मेरे सतगुरु || १ || -
चुंदड़ी ओढ़ में तो कुँए पे गई थी मटकी भरु तो मेरे बाजे घुंघरू
सर पे धरु तो बोले मोर मेरे सतगुरु आ चुंदड़ी। … || २ || -
चुंदड़ी ओढ़ में तो बागान में गई थी
फूलडे तोडू तो बाजे मेरे घुंघरू माला बनाऊ तो बोले मोर मेरे सतगुरु || ३ || -
चुंदड़ी ओढ़ में तो तालाब पे गई थी
चुंदड़ी धोउ तो बाजे मेरे घुंगरू चुंदड़ी सुखाऊ तो बोले मोर मेरे सतगुरु || ४ || -
चुंदड़ी ओढ़ में तो रसोइया गई थी
रोटी पोउ तो बाजे मेरे घुंघरू लोया लगाऊ तो बोले मोर मेरे सतगुरु || ५ || -
चुंदड़ी ओढ़ में तो मंदिर में गई थी
घंटी बजाओ तो बाजे मेरे घुंघरू आरती उतारू तो बोले मोर मेरे सतगुरु || ६ ||