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हाँ रे आनंद आयो रे

टेर

हाँ रे आनंद आयो रे सतगुरूसा माने आय जगायो रे

  • धिन - धिन थारा मात - पिता ने जग हितकारी जायो रे
    कुटुंब कबीला ने तारण तांई जग में आयो रे || १ ||

  • कुल कीरति रो थम्ब थापियो कुल में नाम कमायो रे
    सत्संग री लक्ष्मी रो लावो भक़्त लुटायो रे || २ ||

  • धिन - धिन भाग गुरु घर आया मैं तो शरण सुख पायो रे
    पाप रो पंछी फड़ - फड़ करते धुजट धायो रे || ३ ||

  • चैन री बंशी रा सुर सुनने संधा सुरग कियो रे
    दास दरस मैं काली पड़गी, मुख मुर्झायो रे || ४ ||

  • गोकुल रो गोपालो मरुधर में, बाबो बनने छायो रे
    रामदेव रा पर्चा रो थे, रस बरसायो रे || ५ ||

  • सत्गुरूसा री सीख सम्भालो, राम रतन धन पायो रे
    जो नर प्रीतिनिती सु चाले, माय समायो रे || ६ ||

  • खोटी लावे खोटी खावे, लूटपाट धन लायो रे
    वो नर नरका जावतो, गोता खावे रे || ७ ||

  • सत्गुरूसा रा दरसण मन में ब्रह्म ज्ञान उपजायो रे
    ब्रह्म रा दरसण पायके, मद मोह मिटायो रे || ८ ||

  • हाथ जोड़ कर विनती, मुक्ति रा मार्ग बताओ रे
    भक़्त मंडल गुरु थारे शरणा में, पर्चो पायो रे || ९ ||