नाथ अमली रे मारो शंकर
टेर
नाथ अमली रे मारो शंकर अमली
बागान माहिली भंगड़ली घोटाय राखुली
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काई बोवु काशीजी में काई रे प्रयाग
काई बोवु हरकी पेड़ी काई रे कैलाश || १ || -
काशी जी में केशर बोवु चन्दन रे प्रयाग
हरकी पेड़ी भांग बोवु धतूरो कैलाश || २ || -
काई मांगे नोंदियो ने काई रे गणेश
काई मांगे भोला शंभु जोगियो रो वेश || ३ || -
धोब मांगे नादियां ने मोदक गणेश
भांग मांगे भोला शम्भू जोगियां रो वेश || ४ || -
घोटे घोटे नांदियो छोणे रे गणेश
भर भर प्याला देवे गंवरा पीवे रे महेश || ५ || -
हरी घास तो चारे नांदियो बोले अमृतवाणी
जे भोले री मरजी होवे तो बरसे पालर पाणी || ६ || -
कोई चढ़ावे गंगा सागर कोई काचो दूध
कोई चढ़ावे बिल पत्र कोई तो भभूत || ७ || -
गावे सीखे सुने साम्भले बैकुण्ठा रा वास
सांचे मन सु शिवजी ने ध्यावे पुरे मनरी आस || ८ ||