लोहे का त्रिशूल कमंडल
टेर
लोहे का त्रिशूल कमंडल पीतल का
कितना सुन्दर रूप है मेरे शिव शंकर का
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जब जब तुझको देखूँ तेरे सर पे चंदा सोवे
तेरे जटा में गंगा की धारा कमंडल पीतल का || १ || -
जब जब तुम को देखूँ तेरे कानो में कुण्डल सोवे -२
तेरे गले में सर्प का हार कमंडल पीतल का || २ || -
जब जब तुमको देखूँ तेरे अंग में भस्म रमाय -२
तेरे अंग पे मृग की छाल कमंडल पीतल का || ३ || -
जब जब तुमको देखूँ तेरे संग में गोरा विराजे -२
तेरी गोद में गणपति लाल कमंडल पीतल का || ४ ||