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घर आया है

टेर

घर आया है लक्ष्मण राम, अयोध्या फूल रही

  • बागज फूल बगीचा फूल्या, फूल रही वनराय || राम ||
    पूरी अयोध्या ऐसी फूली, फूली कौशल्या हरी की माय || १ ||

  • पहले भाई भारत सू मिलिया, पीछे केकई माय || राम ||
    अवधपुरी का सब सूं मिलिया, मिलिया कौशल्या हरि की माय || २ ||

  • सुरै गाय को गोबर मंगावो, घर आँगन निपवावो || राम ||
    माणक मोत्यां चौक पुरावो, कुम्भ कलश पथरावो || ३ ||

  • सीताराम सिंहासन बैठा, लक्ष्मण चंवर ढुलावे || राम ||
    गुरु वशिष्ठ जी पूजा कीन्ही, सखियाँ मंगल गावे || ४ ||

  • अवधपुरी के सब नर नारी, धरे कलश पर झारी || राम ||
    भर भर मुट्ठी मोहर अंवारे, सूरत की बलिहारी || ५ ||

  • मात कौशल्या पूछन लागी, कहो लंक की बात || राम ||
    किस विध तो गढ़ लंका जीती, किस विध लाया सीता राम || ६ ||

  • हाट बाट लक्ष्मण ने रोक्या, ओ घट रोक्या राम || राम ||
    दरवाजा लक्ष्मण ने रोक्या, कूद पड़े जी हनुमान || ७ ||

  • रावण मार राम घर आये, घर घर बंटत बधाई || राम ||
    मात कौशल्या करत आरती, तुलसीदास जस गाई || ८ ||