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मैं थाने सिमरु गजानन देवा

टेर

मैं थाने सिमरु गजानन देवा मारे वचनो रा पालणा हारा जियो
सरस्वती मात शारदा ने सिमरु मारे हिवड़े करोनि उजियारा जियो
निद्रा निंवारु भोलेनाथ जी

  • जननी नी जायो उदर नहीं आयो मारे गवरां रो पुत्र कहायो जियो || १ ||
  • पाणी सु पतलो पवन सु है झीणो थारी शोभा वरणी नी जावे जियो || २ ||
  • हाथ घालु तो हीरो हाथ नहीं आवे मारे मुट्ठियों में नहीं समावे जियो || ३ ||
  • बोलियों गोरखनाथ मछँदर रोचेलो मारी पत रे पांडव वाली राखो जियो || ४ ||