आज म्हारे आंगनिये में
टेर
आज म्हारे आंगनिये में गौरी पुत्र आया जी
गौरी पुत्र आया ही भागता रे मनडे भाया जी
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कमर तगड़ी पगा पैंजनी हाथ झुंझुनियों लाया जी
नैना में काजलियो थारे माथे चाँद मण्डाया जी || १ || -
चौकी पर सिंहासन जापर सुन्दर वस्त्र बिछाया जी
चरण धोय चरणामृत लियो शिव नंदन बैठाया जी || २ || -
पहन जरी को झबलो रेशम फूल गुंथाया जी
ठुमक ठुमक पग धरे गजानन बोले है तुतलाया जी || ३ || -
अक्षत चन्दन धुप दीप कर, पुष्प हार पहनाया जी
भोग लगावण एक थाल भर, लडुडा मंगवाया जी || ४ || -
लाडू देख विनायक जी को, मनड़ो घणो ललचायो जी
उठा उठा कर खावे गणपत, रूचि रूचि भोग लगाया जी || ५ || -
देख छटा श्री गणपति जी की, मन मेरो हरसायो जी
नजर न लागे लम्बोदर के, राय लूण कराया जी || ६ || -
विघ्न निवारण मंगल करण, रिद्धि सिद्धि संग में लाया जी
सखी मंडल श्री गणपति जी का, प्रेम से लाड लड़ाया जी || ७ ||