जय जय गौरी सूत गणराज
टेर
सबसे पहले तुम्हे मनाऊ जय जय गौरी सूत गणराज
गौरी सूत गणराज जय जय गौरी सूत गणराज
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लम्बोदर है गज मस्तक सोहे, छवि मनोहर दार
रिद्धि सिद्धि दोउ चवर ढुलावे, देवन के सरकार || १ || -
विद्या के सागर अतिगुण आदर मंगल मय महाराज
बुद्धि विधाता सब गुण आता, राखो जग की लाज || २ || -
कृपा करो हरी भक्ति बढ़ाओ, यह वर मांगू आज
जल भागीरथ विनय करत है, सकल सुधारो आज || ३ ||