हाथ जोड़ के अरज करू में मावड़ी
टेर
हाथ जोड़ के अरज करू मैं मावड़ी
चामुंडा महारानी मारी आज तिरादे नावडी
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भव सागर रो पार नहीं है पवन अकोला खावे है
डूबत मारी आज नावडी तुम बिन कौन तिरावे है
आव आव तू अम्बे बेगी आवरी आवरी || १ || -
तू है लक्ष्मी तू ही गौरी तू ही आरासुर वाली ऐ
तू ही महाकाली तू महा ज्वाला तू ही पावागढ़ वाली ऐ
तीन लोक में जागे थारी जोतड़ी ओ जोतड़ी || २ || -
छल सु सिहं ने वश में कियो है ऊपर की असवारी ऐ
बल सु मारियो दैत्य मावड़ी मोती थारी बलिहारी ऐ
थारी माया रो नहीं पायो में पार जी ओ पार जी || ३ || -
नवरात्रि में नव दुर्गा ने जो कोई ध्यावे है
रक्षा करती रहे भवानी बेड़ो पार लगावे है
मोहन निस दिन धरे तिहारो ध्यान रे ध्यान रे || ४ ||