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चौसठ जोगनी ऐ देवरिये राम जाय

टेर

पालनहारिणी ऐ म्हारे आंगणिये राम जाय
घूमरघालणी ऐ म्हारे मन्दिरिये राम जाय
हंस असवारी कर म्हारी मैया ब्रह्मा रो रूप बणायो

  • ब्रह्मा रो रूप बणायो भवानी, ब्रह्मा रो रूप बणायो
    चार वेद थारे मुख में साजे, चारा रो यश गायो रे || १ ||

  • गरूड़ असवारी कर म्हारी मैया, विष्णु रो रूप बणायो
    शंख चक्र और गदा बिराजे, मधुबन बीन बजायो रे || २ ||

  • बैल असवारी कर म्हारी मैया, शिवजी रो रूप बणायो
    जाता मुकुट में गंगा बिराजे, शेष नाग लिपटायो रे || ३ ||

  • सिंह असवारी कर म्हारी मैया, शक्ति रो रूप बणायो
    सियाराम थारी करे स्तुति, भक्त मण्डल यश गायो रे || ४ ||