अपने मोहन की मीरा बनी रे
टेर
अपने मोहन की मीरा बनी रे जोगणिया
आवो नई पधारो म्हारा रे सांवरिया
ओ नटवर नागरिया मीरा बानी रे जोगणिया
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मनडे रो मोर थारा दर्शन खातिर तरसे है
आँख प्यारा आसुडा सावन ज्यू बरसे है
तप तप पलको सु नैन भरिया हो काना नैन भरिया || १ || -
घर रा तो लोग म्हाने बावली बतावे है
संग री सहेलिया महा पे आंगली उठावे है
हंसी उड़ावे नैना टाबरिया || २ || -
सुख सारा छोडिया मैं मोहन थारे कारणे
भगवा वेश धारिया आई थारे बारणे
छोडिया पिहरिया अने छोडिया सासरिया || ३ || -
चाहे जितने दुःख देले चाहे ज्यू परखले
एक बात म्हारी तू कान खोल सुण ले
तू मोहन मैं तेरी जोगणिया || ४ ||