थाने काजलियो
टेर
म्हाने फागणियो रंगा दे, मटकी रंग री भरा दे -२
श्याम फाग रमण न आउली, हो। ..... श्याम फाग
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मोहन मस्त महीनो फागुण आयो रे
म्हारे हिवड़े आनंद घणो छायो रे हो
म्हारा मनड़ा रा जीवड़ा कद आवोला जी श्याम कद आवोला
हो थारी सांवरी सूरत, मन मोहिनी मूरत || १ || -
राधा फागणियो लाग्यो थारो प्यारो जी
म्हारो मनड़ो थांस्यु नहीं न्यारो जी
होली खेलण ने जीवड़ो तरसे जी तरसे श्याम तरसे जी तरसे
हो रंग पिचकारी मंगा दू केसर इतर मिला दू || २ || -
सखियाँ दौड़ दौड़ कर आई रे
झोली अबीर गुलाल भर ल्याई रे
दोनों हिलमिल होली खेलांगा जी श्याम खेलांगा
हो कान्हा मानो बात हमारी, मैं तो हाथ जोड़ कर हारी || ३ || -
सखी फाग रमण रो म्हाने चाव रे
कर आयी नणद से बात रे
चाहे मानो ना मानो, कान्हा मर्जी तुम्हारी -२
हो श्याम मंडल की बलिहारी, प्रभुजी राखो लाज हमारी || ४ ||