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रसिया

टेर

आज बिरज में होरी हो रसिया, ऐ राधा कृष्ण की जोड़ी ओ रसिया

  • मैं जल जमुना भरण जात री, तो सर की गगरिया फोड़ी ओ रसिया || १ ||

  • मैं दधि बेचैन जाट वृन्दावन, तो दही की मटकिया ढोली ओ रसिया || २ ||

  • अपने अपने घर से बाहर निकली, तो कोई काली तो कोई गोरी ओ रसिया || ३ ||

  • चोवा चोवा चन्दन और अरगचा, तो अबीर गुलाल भर झोली ओ रसिया || ४ ||

  • नव मन लाल गुलाल उड़त है, तो दस मन केसर घोली ओ रसिया || ५ ||

  • चन्द्रसखी भेज बालकृष्ण छवि, ऐ राधेश्याम री आ जोड़ी ओ रसिया || ६ ||