रंग मत डालो रे
ट ेर
रंग मत डालो रे सांवरिया म्हारो, गूजर मारे रे
मैं गुजरी नादाँ गूजर म्हारो, हे मतवालों रे
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होली खेले तो कान्हा, खाटू में आ जइयो रे
राधा रूकमण न भी थारे, संग में लाज्यो रे || १ || -
घर मत आजे कान्हा, सास बुरी छः
नंदुली नादाँ दो की चार, लगावे रे || २ || -
सास बुरी छः म्हारी नणद हठीली
परण्यो बेईमान म्हाने, नित का मारे रे || ३ || -
मैं दही बेचन जाऊँ रे वृन्दावन
म्हारे तो मार्ग में बैठ्यो मोहन प्यारो रे || ४ || -
चन्द्रसखी भज बाल कृष्ण छवि
श्याम का चरणां में म्हारो, चित लाग्यो रे || ५ ||