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कान्हा धर लो मुकुट खेलो होरी

हा रे कान्हा धर लो मुकुट खेलो होरी, कान्हा धर लो।
कितसे रे आए कुंवर कन्हैया, तो कितसे आई राधे गोरी (कान्हा)
गोकुल से आए कुंवर कन्हैया, तो बरसाने से राधे गोरी
किण रा छै ए कुंवर कन्हैया, तो किणरी छै राधे ग़ोरी (कान्हा)
नन्द मेहरजी रा कुंवर कन्हैया, तो वृषभानु री राधे ग़ोरी
कांई करै छै कुंवर कन्हैया, तो कांई रे करै छै राधे ग़ोरी
गुउवो चरावै कुंवर कन्हैया, तो दहिड़ो बिलोवे राधे ग़ोरी
कांई रे अरोगे कुंवर कन्हैया, तो कांई अरोगे राधे ग़ोरी
लाडू अरोगे कुंवर कन्हैया, तो पेड़ा अरोगे राधे ग़ोरी
कितरा बरस रा कुंवर कन्हैया, तो कितरा बरस री राधे ग़ोरी
बारह बरस रा कुंवर कन्हैया, तो तेरह बरस तो राधे ग़ोरी
चंद्रसखी भज बालकृष्ण छबि, तो चिरंजीवी रे आ जुगल जोड़ी