हरे राम हरे रामा जपते थे हनुमाना
टेर
हरे राम हरे रामा जपते थे हनुमाना
इस मंत्र की महिमा को, सारे जग ने जाना
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जब केवट ने मुख से इस मंत्र के बोल पड़े,
त्रिलोक पति आकर केवट की नाव चढ़े
हरे राम …. || १ || -
इस मंत्र की महिमा को जब भीलणी ने जाना
रघुवर खुद घर आये कितना सम्मान किया
हरे राम …. || २ || -
इस मंत्र ने हनुमत ने सागर को पार किया
उस कपटी रावण की लंका को उजाड़ दिया
हरे राम …. || ३ || -
इस मंत्र से हार गया रावण सा बलशाली
इस मंत्र से तुलसी ने रामाय ण लिख डाली
हरे राम …. || ४ ||