थाली भर ने लाई खीचड़ों
टेर
थाली भर ने लाई खीचड़ों ऊपर घी की वाटकी
जीमो मारा श्याम धणी जीमावे बेटी जाटकी
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बाबूल महारो गाँव गयो है ना जाणे कद आवेला उणरे भरोसे बैठो सावरा भूखो ही रह जावेला आज जिमाओ थने खीचड़ो काल राबड़ी छाछ की जीमो। .......
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बार *२ मंदिर मई जाती बार *२ पट खोलती किया कोनी जीमो रे मोहन कड़वी *२ बोलती बोलती तू जीमो जद मै जीमूली मानू ना मै लाट की जीमो। ….
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गरजा करती *२ करमा भेरूरी बिलिया व्है गई क्यू तरसावे थाली सावरा काई गलती व्है गई छप्पन भोग जीमता थारी आदत पड़ गई चाट की जीमो। .....
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परदो भूल गई रे सावरिया परदो फैर लगायो जी ढाबलिया रो ओट बैठ्कर श्याम खीचड़ो खायोजी भोला भाला भक्त सू सावरिया आट की जीमो। .....
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भक्त हो तो करमा जैसी सवारियो घर आवेला सब ही मिलकर हरष *२ कर प्रभुजी रा गुण गावेला