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थारी सब चिंता मिट जाय

टेर

सेवा गोवर्धन की कर ले, सेवा गोवर्धन की कर ले

  • तू सात परिक्रमा कर ले, और मानसी गंगा नाहा ले
    थारा पाप सभी बाह जाय, सेवा गोवर्धन की कर ले || १ ||

  • मस्तक पर मुकुट बिराजे, कानो में कुण्डल साजे
    थारी हिचकी में हीरा लाल, सेवा गोवर्धन की कर ले || २ ||

  • गिरिराज लागे प्यारो, ओ डोरा कंठी वालो
    थारे गल हीरा रो हार, सेवा गोवर्धन की करे ले || ३ ||

  • थे करो प्रेम से सेवा, और पावो मिसरी मेवा
    थारो जनम सफल होय जाय, सेवा गोवर्धन की कर ले || ४ ||

  • गिरिराज की महिमा गावे, वे घाव सागर तिर जावे
    वारों गौलोक में वास, सेवा गोवर्धन की कर ले || ५ ||