सावरिया मारी हाजरी भर लीजो
सावरिया मारी हाजरी भर लीजो, दयालु मारी हाजरी लिख लीजो
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सावरिया मारी हाजरी भर लीजो, दयालु मारी हाजरी लिख लीजो
सावरा पोथी में लिख लीजो, हाय ये जरूर लिख दीजो सावरिया मारी हाजरी || १ || -
आपरे मंदिर में सावरा कुण कुण आवे ओ
आयो री सुध बुध ली जो, आयो ने आदर दीजो || २ || -
आपरे मंदिर में सावरा सु खिया जी आवे ओ
आपरे मंदिर में सावरा दुखिया जी आवे ओ
सुखिया ने सुध बुध दीजो, दुखिया रो दुःख हर लीजो || ३ || -
मोर मुकुट पीताम्बर सोहे गले वैजन्ती माला सोहे
सावरिया माने फिर दर्शन दीजो सावरिया मारी। … || ४ || -
माखन मिश्री रो भोग लगाऊं सांवरा ने रच रच भोग लगाऊ
थोड़ो सो माने भी चखाई जो सावरिया मारी हावरी भर। … || ५ || -
अन्न भी दीजो सावरा धन भी दीजो
मुक्ति रो मार्ग दीजो, भक्ति रो मार्ग दीजो सांवरिया। .. || ६ || -
आज की तो लिख जो सावरा काले की लिखज्यो रे
परसु की जरूर लिख लीजो, सावरिया मारी हाजरी। .. || ७ || -
बाई मीरा के प्रभु गिरधर रा गुण
चित चरणा में लिजी दयालु मारी हाजरी। … || ८ ||