बिनजारी हस हस बोल
बिनजारी हस हस बोल,
प्यारी प्यारी बोल,
बाता थारी रह जासी,
म्हाने सौदागर मती जाण,
बाता थारी रह जासी ।
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कंठी माला काठ की रे,
ज्या में रेशम सूत,
सूत बेचारा क्या करे,
ज्यारे काटन वाला कपूत,
बाता थारी रह जासी ।
बिनजारी ऐ हस हस बोल,
राजी राजी बोल,
बाता थारी रह जासी । -
रामा थारे बाग में रे,
लाम्बा पेड़ खजूर,
चढे तो मेवा चाकले,
पड़ता रा चकनाचूर,
बाता था री रह जासी ।
बिनजारी ऐ हस हस बोल,
राजी राजी बोल,
बाता थारी रह जासी । -
जैसे चूड़ी कांच की रे,
वैसे नर संग देह,
ओ जतन करा दू साव जी,
थोड़ो हरी भजना में रेह,
बाता थारी रह जासी ।
बिनजारी ऐ हस हस बोल,
राजी राजी बोल,
बाता थारी रह जासी । -
पत्ता टुटा डाल से रे,
ले गई पवन उड़ाई,
अब के बिछड़े ना मिले रे,
दूर पड़े रे जाय,
बाता थारी रह जासी ।
बिनजारी ऐ हस हस बोल,
राजी राजी बोल,
बाता थारी रह जासी । -
काल पड़े भजियो नहीं रे,
कियो ने हरी सु हेत,
अब पछताये होसी क्या,
जब चिड़िया चुग गई खेत,
बाता थारी रह जासी ।
बिनजारी ऐ हस हस बोल,
राजी राजी बोल,
बाता थारी रह जासी । -
बालद थारे नद नहीं रे,
सांड लग गयो धार,
रामानंद रा बन कबीरा,
तू बेथ मोटा पाठ,
बाता थारी रह जासी ।
बिनजारी हस हस बोल,
प्यारी प्यारी बोल,
बाता थारी रह जासी,
म्हाने सौदागर मती जाण,
बाता थारी रह जासी ।