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श्री गिरधर जी की आरती

हे गिरधर तेरी आरती गाऊं, बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं
आरती गाऊं प्यारे तुमको रिझाऊ

मोर मुकुट प्यारे शीश पे सोहे, प्यारी बंशी मेरो मन मोहे
देखि छवि बलिहारी जाऊं, हे गिरधर….

चरणों से निकली है गंगा प्यारी, जिसने साड़ी दुनिया तारी
उन चरणों के दर्शन पाऊं, हे गिरधर….

व्यासदास के नाथ आप हो, दुःख सुख जीवन प्यारे साथ आप हो
उन चरणों में शीश नवाऊँ, हे गिरधर….

संग सोहे वृषभानु, दुलारी, ललिता दिक सब सखियाँ प्यारी,
बॉस सदा वृन्दावन पाऊं, हे गिरधर….