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✍ श्रीमती लीला खत्री की कलम से

भजन भक्ति माला में आपका स्वागत है

माता-पिता ये मात्र शब्द नहीं, अपने आप में संपूर्ण संसार का पर्याय हैं। धरती पर माता-पिता अनमोल हैं। कोई भी और कुछ भी हमारे माता-पिता से पैदा हुए शून्य को नहीं भर सकता। जीवन में ईमानदारी, कठोर परिश्रम एवं निःस्वार्थ भाव से लोक मंगल के लिए समर्पित भाव के साथ कार्य करने का संस्कार बचपन में आपने दिया, वो आपके त्याग, समर्पण और प्रेम का ही परिणाम है। मैं अपने माता-पिता को कोटि-कोटि नमन करते हुए उन्हें यह भजन भक्ति माला का संकलन श्रद्धा-सुमन के रूप में समर्पित करती हूं।


भजन

भारतीय संगीत के मुख्य रूप से तीन भेद किये जाते हैं। शास्त्रीय संगीत, सुगम संगीत और लोक संगीत। भजन सुगम संगीत की एक शैली है। इसका आधार शास्त्रीय संगीत या लोक संगीत हो सकता है। इसको मंच पर भी प्रस्तुत किया जा सकता है लेकिन मूल रूप से यह किसी देवी या देवता की प्रशंसा में गाया जाने वाला गीत है।

आरती

आरती हिन्दू उपासना की एक विधि है। इसमें जलती हुई लौ या इसके समान कुछ खास वस्तुओं से आराध्य के सामाने एक विशेष विधि से घुमाई जाती है। ये लौ घी या तेल के दीये की हो सकती है या कपूर की। इसमें वैकल्पिक रूप से, घी, धूप तथा सुगंधित पदार्थों को भी मिलाया जाता है। कई बार इसके साथ संगीत (भजन) तथा नृत्य भी होता है। मंदिरों में इसे प्रातः, सांय एवं रात्रि (शयन) में द्वार के बंद होने से पहले किया जाता है

कथा

मन से गढ़ा हुआ या किसी वास्तविक घटना के आधार पर प्रस्तुत किया हुआ विवरण। हम लेकर आये हैं हिंदी कथाओं का संग्रह जिसे आप व्रत या किसी अन्य अवसर में पढ़ / सुना सकते हैं।